कई बार अन्य नौकरी कर रहे व्यक्ति में भी भारत के उच्च प्रशासनिक पदों पर चयनित होने की इच्छा होती है। मन में प्रश्न उठता है कि क्या ऐसी स्थिति में तैयारी कर पाना संभव है। इस बात की भी दुविधा होती है कि वर्तमान जॉब में रहते हुए तैयारी करें या जॉब को छोड़कर।
ऐसे अनेक प्रश्नों के जबाव के लिए हमने बात की है संस्कृति IAS कोचिंग के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अखिल मूर्ति सर से। अखिल सर का सिविल सेवा की तैयारी के क्षेत्र में दो दशक से अधिक का अनुभव है। दृष्टि IAS में सामान्य अध्ययन की कक्षाओं की शुरुआत से वहां इतिहास विषय का अध्यापन किया और वहां इतिहास वैकल्पिक विषय भी पढ़ा रहे थे। दृष्टि IAS छोड़ने के बाद वर्तमान में अब संस्कृति IAS कोचिंग में पढ़ा रहे हैं।
संस्कृति IAS Coaching हिन्दी माध्यम में तैयारी कराने वाली देश की सर्वोच्च संस्था है। संस्था के प्रयासों का ही परिणाम है कि वर्तमान में अभ्यर्थी हिन्दी माध्यम से तैयारी का सपना देखने के साथ उसे साकार भी कर रहे हैं।
सर ने परीक्षा की प्रकृति पर चर्चा करते हुए कहा कि UPSC की तैयारी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तुलना में थोड़ी जटिल है एवं इसके विस्तृत पाठ्यक्रम के कारण इसकी कुछ शर्तें भी हैं, जिसमें समय प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण है। नौकरी करते हुए व्यक्ति के पास समय की कमी अवश्य होती है। लेकिन यदि उस व्यक्ति में लगन, परिश्रम एवं प्रशासनिक पद की प्राप्ति का जज़्बा है तो उसके लिए तैयारी कर पाना बहुत मुश्किल नहीं है। बल्कि नौकरी में रहते हुए उसकी तैयारी की उत्पादकता भी बढ़ सकती है।
चर्चा के क्रम में अखिल सर ने नौकरी के साथ तैयारी करने में आने वाली चुनौतियों पर भी बात की
सर ने बताया कि सामान्यतया किसी भी नौकरी में 8 से 9 घंटे का समय देना होता है। उसके बाद आने-जाने में भी समय की खपत होती है। अध्ययन के लिए बहुत सीमित समय बचता है।
- नौकरी का समय एवं कोचिंग का समय प्रायः समान होता है। कोचिंग जाकर अध्ययन कर पाना संभव नहीं रह जाता है।
- सीमित समय में संतुलित समय सारणी बना पाना मुश्किल होता है।
- तैयारी में समग्रता लाना चुनौतीपूर्ण है; चूँकि कम समय में पढ़ाई करना, रिवीजन करना, प्रश्नों का अभ्यास करना, उत्तर लेखन करना, विगत वर्षों के प्रश्नों को देखना, पिछले पढ़े को अद्यतन करना आदि में समय का आनुपातिक बंटवारा कर पाना कठिन हो जाता है।
- नौकरी के काम के दबाव का प्रभाव भी अध्ययन पर पड़ता है। परीक्षाओं के नजदीक आने पर ये दवाब और भी बढ़ जाता है।
संस्कृति IAS Coaching के अखिल सर ने नौकरी के साथ तैयारी करने के टिप्स भी दिए
- सूचना क्रांति ने अध्ययन को उदार कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति कहीं से भी इन्टरनेट के माध्यम से पढ़ाई कर सकता है। वर्तमान में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाली कोचिंग संस्थाएं ऑनलाइन मोड पर भी उपलब्ध है।
- नौकरी के बाद बचे शेष समय में से यदि दैनिक दिनचर्या के घंटों को घटा दें तब भी पर्याप्त समय अध्ययन के लिए निकाला जा सकता है।
- समय प्रबंधन UPSC के अध्ययन में सबसे महत्वपूर्ण कारक है। बचे समय को लक्ष्य केन्द्रित रखें। जैसे- यदि घर से ऑफिस जाने में जो समय लगता है उसे पढ़ाई, रिवीजन आदि के प्रयोग में लाएं।
- घर पहुंचकर नियमित अध्ययन करें एवं यदि किसी कोचिंग संस्था से जुड़े हैं, तो मिलने वाली कक्षाओं को उसी दिन पूरा कर लें।
- अध्ययन के द्वारा बनाए गए नोट्स की PDF बनाकर अपने मोबाइल फोन में रख लें। जब भी संभव हो उसका रिवीजन कर लें।
- नौकरी के बीच में मिलने वाले थोड़े-थोड़े समय में समसामयिक घटनाओं से अद्यतन(Update) कर सकते हैं। (जैसे- लंच में मिलने वाले समय में)
- अध्ययन में गुणवत्ता लाएं ताकि सम्पूर्ण समय देने वाले अभ्यर्थियों से प्रतिस्पर्धा संभव हो सके।
- पाठ्यक्रम के अनुसार चयनात्मक अध्ययन करें एवं अनावश्यक सूचनाएं एकत्रित करने से बचें।
- विगत वर्षों में आए प्रश्न एवं अभ्यास प्रश्न हल करते रहें।
- इन्टरनेट का सदुपयोग आपकी तैयारी को सम्पूर्णता प्रदान कर सकता है, चूँकि कई वेबसाइट्स, मीडिया, संस्थाएं आदि ऑनलाइन उपलब्ध हैं। यहाँ से परीक्षा उपयोगी सूचनाएं निकाली जा सकती हैं।
- जब परीक्षा नजदीक हो तो रणनीति उसी पर केन्द्रित कर लें। संभव हो तो अंतिम में कुछ दिनों का अवकाश भी ले सकते हैं।
यदि एक विश्वसनीय कोचिंग से जुड़कर समय का सदुपयोग कर लिया जाए तो चयन की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है। ऐसी आशा की जाती है कि इस लेख से आपके अनेक प्रश्नों के जबाव मिल गए होंगे। अखिल सर द्वारा सुझाए गए टिप्स को अपनी रणनीति में शामिल कर सकते हैं, जो आपकी तैयारी को सहज करेंगे।