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बायोमैट्रिक उपस्थिति के अभाव में अब नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति

सरकार के नए फ़रमान से प्रवेश कराकर विद्यालय से ग़ायब रहने वाले छात्रों के उड़े होश

देवरिया – योगी सरकार विद्यालयों में छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर बेहद सजग और संवेदनशील दिखाई दे रही है। जहां एक तरफ पूर्व में ही प्राइमरी शिक्षा में शिक्षकों के आनलाईन उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई तो वहीं महाविद्यालयों में भी शिक्षकों कर्मचारियों और छात्र छात्राओं के लिए बायोमैट्रिक उपस्थिति पर ज़ोर दिया है। इतना ही नहीं अब तो यह भी फ़रमान जारी हो गया है कि छात्र /छात्राओं की दैनिक उपस्थिति आधार बेस्ड बायोमेट्रिक / फेशियल अथेंटिकेशन के द्वारा नहीं कराये जाने पर उन्हें छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा से वंचित होना पड़ेगा।

दरअसल उच्च कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए इस नई व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद विद्यालयो में प्रवेश कराकर पूरे वर्ष भर ग़ायब रहने वाले छात्र छात्राओं के होश उड़ गए हैं। इतना ही नहीं शिक्षण संस्थाओं में भी बेचैनी व्याप्त हो गई है ।यदि इतनी बड़ी संख्या में छात्र छात्राएँ छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित होंगें तो इसका सीधा असर छात्र संख्या पर पड़ेगा।

देवरिया जनपद के मुख्य विकास अधिकारी ने अपने पत्रांक साठ /छात्रवृत्ति/ पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग /2024-पच्चीस दिनांक इक्कीस जून 2024 द्वारा जनपद के सभी शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्यों और प्रबंधकों को यह निर्देशित किया है कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त करने वाले समस्त छात्र छात्राओं की दैनिक उपस्थिति आधार बेस्ट बायोमेट्रिक /फेसियल आथंटिकेशन के द्वारा कराया जाना सुनिश्चित किया जाये ।यदि किसी छात्र छात्रा का विद्यालय में 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति होगी तो उसे छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति अनुमन्य नहीं होगा ।

इस नए फ़रमान से सुदूर ग्रामीण अंचल में स्थित विद्यालयों के संचालकों के भी होश उड़ गये हैं क्योंकि इनमें से अधिकांश विद्यालयों में छात्र प्रवेश तो इस लालच में ले लेते हैं कि उन्हें छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति प्राप्त होगी और बाहर जाकर रोज़ी रोज़गार तलाश करते हैं। लेकिन यदि बायोमैट्रिक उपस्थिति में अनिवार्य हो जाएगा तो फिर उन्हें छात्र वृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित होना ही पड़ेगा। चुकी 2024 – 25 में यह व्यवस्था रोज़गार परक पाठ्यक्रमों जैसे बी बी ए, एम बी ए , बी सी ए, बी डी एस, एम बी बी एस पी एच डी आदि पाठ्यक्रमों में लागू करने की अनिवार्यता है।

जबकि अगले सत्र से सभी दशमोत्तर कक्षाओं में भी यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू कर दी जाएगी । इस फ़रमान द्वारा सरकार की मंशा यह हैं कि विद्यालय में 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति वाले छात्र छात्राओं को ही इस योजना का लाभ मिले ।इस फ़रमान से छात्र छात्राओं की उपस्थिति में तो वृद्धि होगी लेकिन इस सख़्त निर्देश के लागू हो जाने के बाद ऐसे शिक्षण संस्थाओं के संचालकों के होंठ सूख गए हैं जिनके वहाँ न तो पर्याप्त मात्रा में शिक्षक है और नही संसाधान लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी इस लालच में प्रवेश ले लेते हैं की उन्हें बिना विद्यालय गए ही छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के मद में वर्ष में एक बार मोटी रक़म प्राप्त हो जाएगी।

Ibn Bharat
Author: Ibn Bharat

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