देवरिया।
मईल थाना क्षेत्र के पिपरा मिश्र में 31 वर्ष पूर्व हुए गैर इरादतन हत्या के मामले में 75 वर्षीय आरोपी को गुरुवार को सजा सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती इंदिरा सिंह की अदालत ने आरोपी को गैर ईरादतन हत्या के मामले में दोषी पाए जाने पर 3 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित करने का फैसला सुनाई।
मईल थाना क्षेत्र के पिपरा मिश्र में 31 वर्ष पूर्व हुए गैर इरादतन हत्या के मामले में 75 वर्षीय आरोपी को गुरुवार को सजा सुनाया। अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती इंदिरा सिंह की अदालत ने आरोपी को गैर ईरादतन हत्या के मामले में दोषी पाए जाने पर 3 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित करने का फैसला सुनाई।
अपर शासकीय अधिवक्ता मनीष सिंह ने बताया कि 2 अगस्त 1993 को 6:00 बजे सुबह सरकारी ट्यूबवेल से पानी लेने के विवाद को लेकर दीवाढार गांव के रहने वाले अवध नारायण मिश्र के भाई सुधाकर मिश्र व अजय प्रकाश मिश्रा पुत्र त्रियुगी मिश्र निवासी पिपरा मिश्र थाना मईल के साथ कहा सुनी हुई थी । इसी रंजिश के कारण 5.30 बजे शाम को जब सुधाकर मिश्रा अपने भतीजे अरविंद मिश्रा के साथ बगीचे में बैठे हुए थे तो अजय प्रकाश मिश्रा अपने तीन भाइयों व विजय प्रकाश तथा मनमोहन उर्फ रवि के साथ हमला बोल दिया । अजय प्रकाश मिश्रा के मारने से अरविंद मिश्रा के सिर में गंभीर चोट आई, जिन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन हालत गंभीर होने के कारण इलाज के लिए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया इलाज के दौरान ही अरविंद की मृत्यु हो गई। अवध नारायण मिश्र की सूचना पर गैर इरतन हत्या का मुकदमा थाना मईल में दर्ज हुआ । उभय पक्ष के तर्कों व साक्ष्यो के अवलोकन के पश्चात अदालत ने पाया कि अजय ,संजय पुत्र सच्चिदानंद मिश्रा व विजय प्रकाश के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं पाया गया अजय प्रकाश मिश्रा को गैर इरतन हत्या में दोषी पाए जाने पर उनकी उम्र को देखते हुए अदालत ने नरमी बरतते हुए 3 वर्ष के कठोर दण्ड से दंडित करने का फैसला सुनाया।