बघौचघाट।
देवरिया जिले में 19 जनवरी को पथरदेवा स्थित एक निजी अस्पताल में एक महिला के आपरेशन के दौरान लापरवाही से महिला डॉक्टर ने बच्चेदानी के साथ पेशाब नली को भी सील कर दिया था।हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने महिला को जबरदस्ती गोरखपुर डिस्चार्ज कर दिया।जहां दो माह से गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में महिला का इलाज चल रहा था।इलाज के बाबजूद भी महिला के हालत में सुधार नहीं हो रहा था।जो बुधवार सुबह आठ बजे जिंदगी से जंग हार गई। उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए देवरिया भेज दिया।मृतका के मासूम बच्ची के सिर से मातृछाया उठ गई।
बघौचघाट थाना क्षेत्र के मुड़ेरा गांव के रहने वाले अजय पटेल की शादी करीब 12 वर्ष पूर्व बिहार प्रांत के गोपालगंज जिले के विजईपुर थाना क्षेत्र के बुढ़िया बारी गांव की रहने वाली संध्या पटेल के साथ हुई थी। 19 जनवरी को संध्या पटेल को प्रसव पीड़ा होने लगी।परिजन गांव की आशा के बहकावे में आकर पथरदेवा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया।जहां आपरेशन से बच्ची पैदा हुई।उसके बाद डॉक्टर ने बच्चेदानी में टांका लगाते समय लापरवाही से पेशाब नली को भी सील कर दिया।आपरेशन के कुछ घंटों बाद महिला का पेशाब रूक गई।महिला की हालत गंभीर देख डॉक्टर ने उसे जबरदस्ती गोरखपुर रेफर कर दिया।उसके बाद परिजन महिला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।जहा डॉक्टरो ने महिला का दोबारा ऑपरेशन किया।तो पता चला कि बच्चेदानी में टांका लगाते समय पेशाब की नली को भी सील कर दिया गया है।जिसके वजह से कुछ महीने बाद महिला की दोनों किडनी फेल हो गई।वही महिला का लगातार इलाज चल रहा था। 22 मार्च को इलाज कर रहे डॉक्टरो ने महिला को घर ले जा कर सेवा करने की सलाह परिजनों को दिया।बुधवार भोर में महिला को सांस लेने में काफी दिक्कत होने लगी।महिला सुबह करीब आठ बजे दम तोड दिया।सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु देवरिया भेज दिया।मृतका के रोजी रोटी हेतु विदेश में किसी कंपनी में काम करते है।जो संतान उत्पन्न होने के खुशी में काम छोड़कर मौके पर गांव पहुंचे।लेकिन होनी को कौन टाल सकता।