दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में हिमाचल प्रदेश की मंडी से बीजेपी उम्मीदवार अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। चौतरफा आलोचना के बाद भले ही उन्होंने आपत्तिजनक पोस्ट डिलीट कर दिया हो, लेकिन अब महिला आयोग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर सुप्रिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। NCW ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, एनसीडब्ल्यू सुप्रिया श्रीनेत और एचएस अहीर के अपमानजनक आचरण से स्तब्ध है। ऐसा व्यवहार असहनीय है और महिलाओं की गरिमा के खिलाफ है। एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने ईसीआई को पत्र भेजकर उनके खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की है। आइए सभी महिलाओं के लिए सम्मान और गरिमा बनाए रखें।
क्या है मामला?
कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लैटफॉर्म्स की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत सोमवार (25 मार्च) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर तब आ गईं। जब उनके हैंडल से हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी उम्मीदवार बनी बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत को लेकर एक अश्लील तस्वीर पोस्ट कर भद्दा कमेंट किया गया था। देखते ही देखते यह पोस्ट वायरल हो गया था और सोशल मीडिया पर लोग सुप्रिया श्रीनेत और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. ट्रोलिंग के कुछ देर बाद कांग्रेस नेत्री के अकाउंट से उसे हटा लिया गया।
मामले पर अपनी सफाई देते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा
मेरे मेटा अकाउंट्स (फेसबुक और इंस्टाग्राम) का किसी और को एक्सेस मिल गया। जिसके बाद उससे बेहद भद्दा और आपत्तिजनक पोस्ट किया गया। हालांकि, उस पोस्ट को हटा दिया गया है। मुझे निजी तौर पर जानने वाले यह समझते हैं कि मैं ऐसी बात किसी महिला के लिए नहीं कह सकती हूं।
कंगना रनौत ने दिया जवाब
सुप्रिया श्रीनेत के पोस्ट को लेकर कंगना रनौत ने ट्वीट करके कहा, ‘प्रिय सुप्रिया जी, एक कलाकार के रूप में अपने करियर के पिछले 20 वर्षों में मैंने हर तरह की महिलाओं का किरदार निभाया है। क्वीन में एक भोली-भाली लड़की से लेकर धाकड़ में एक आकर्षक जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी फिल्म में एक राक्षस तक, रज्जो में एक वेश्या से लेकर थलाइवी में एक क्रांतिकारी नेता तक,हमें अपनी बेटियों को पूर्वाग्रहों के बंधनों से मुक्त करना चाहिए। हमें उनके शरीर के अंगों के बारे में जिज्ञासा से ऊपर उठना चाहिए। सबसे ऊपर, हमें यौनकर्मियों के चुनौतीपूर्ण जीवन या परिस्थितियों को किसी प्रकार के दुर्व्यवहार या अपमान के रूप में उपयोग करने से बचना चाहिए. हर महिला को गरिमा का अधिकार है।