देवरिया।
चुनाव में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। वहीं जिले में कर्मचारियों की संख्या प्रतिवर्ष कम होती जा रही है। इसे देखते हुए जिला निर्वाचन आयोग को कर्मचारियों की कमी हो सकती है। इसे देखते हुए अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जिले के निर्वाचन अधिकारी से शिक्षामित्रों और संविदा कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया है। पहले इन्हें रिजर्वे में रखने का निर्देश है, जब आवश्यकता पड़ने पर इन्हें ड्यूटी लगाया जाए।
देवरिया जिले में आंशिक रुप से तीन लोग सभा क्षेत्र आते है। जिसमें देवरिया, सलेमपुर और बांसगांव लोकसभा क्षेत्र है। जिले में सात विधानसभा क्षेत्रों में से देवरिया, रामपुर कारखाना और पथरदेवा देवरिया लोक सभा क्षेत्र में आते है। सलेमपुर और भाटपाररानी विधान सभा क्षेत्र सलेमपुर लोक सभा क्षेत्र में आते है। वहीं बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में जिले के रुद्रपुर और बरहज विधान सभा क्षेत्र आते है। जिले में लगभग 1600 के करीब बूथ है। जहां पर मतदान के लिए कर्मचारियों को लगाया जाएगा। इसके लिए जिले में लगभग दस हजार कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। जिले में प्रतिवर्ष लगभग सभी विभागों में कर्मचारी सेवा निवृत्त हुए है। जिससे कर्मचारियों की संख्या कम हुई है। वहीं विभागों में संविदा और आऊट सोर्सिंग के महत कर्मचारी को रख कर कार्य कराया जा रहा है। कर्मचारियों की कमी के चलते मतदान के दिन कर्मचारियों की ड़यूटी लगा कर मतदान कराना काफी परिश्रम का होता है। कर्मचारियों के कमी को देखते हुए प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को गुरुवार को निर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि नियमित कार्मिकों, मण्डलीय पूल से प्राप्त कार्मिकों के पूरी तरह इस्तेमाल के बाद ही प्रस्तावित संविदा कार्मिकों को चुनाव ड्यूटी में लगाया जा सकेगा। जहां तक सम्भव हो वहां संविदा कार्मिकों को आरक्षित पूल में रखा जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षा मित्रों को मतदान अधिकारी द्वितीय व अन्य संविदा कार्मिकों केवल मतदान अधिकारी तृतीय के रूप में लगाया जाएगा। जिससे मतदान को सम्पन कराया जा सके।